Wednesday, August 13, 2014

नही जाता

गम जब्त करता हूँ बताने नही जाता
बीमार कितना हूँ दवाखाने नही जाता

लोबान जब से खतम हुआ इल्म का
दर पर मैं अलख जगाने नही जाता

सादामिजाज़ी का यहाँ मतलब खाली है
मशरूफ हूँ कितना ये बताने नही जाता

मगरूर जमाने की हकीकत जानी जबसे
शराबी को कभी मै समझाने नही जाता

कुछ दोस्त मुझसे यूं भी खफा है
मुसीबत में उन्हें बुलाने नही जाता

© अजीत