Sunday, August 14, 2016

नाराज़गी

उसका एसएमएस मिला
एकदिन
व्हाट्स एप्प और इनबॉक्स के दौर में
एसएमएस
कम बड़ा आश्चर्य नही था
एक लाइन में लिखा था उसनें
नाराज़ हूँ तुमसे
मैंने कोई जवाब नही दिया
नाराज़गी की वजह भी नही पूछी
दिन में एक बार पढ़ लेता था
उस एसएमएस को
फिर इंतजार करता था
एक दुसरे एसएमएस का
शब्दों को आगे पीछे करके
पढ़ता रहता कई बार
नाराज़गी का एसएमएस
पहला नही था
मगर ये आख़िरी होगा
इसकी उम्मीद नही थी
तब से मैं किसी से नाराज़ नही हुआ
मुद्दत से सबसे खुश हूँ मै
किसी से कोई शिकायत भी नही
ना ही कभी होगी किसी से
उसकी नाराज़गी के बाद
जान पाया यह बात
जब कोई नाराज़ होता है
वो खुद से भी खुश नही होता
हम बस उसे खुश मान लेते है
अपने हिसाब से।
©डॉ.अजित

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